श्री सांई बाबा के निर्वाण वर्ष 1918 के बाद एक अज्ञात फकीर द्धारा चरण पादुका स्थापित कर पूजा अर्चना प्रारंभ कि गई , कालांतर में यह स्थान एक टीनशेड के रूप से विस्तारित होते हुए भव्य मंदिर के स्वरुप में प्राप्त हुआ.स्थानीय सांई भक्तों द्धारा इस मंदिर के व्यवस्था हेतु विधि ट्रस्ट मण्डल का गठन कर पंजीयन करवाया गया, व वर्ष स्थापना 1967 से यहाँ पंजिकृत विधि ट्रस्ट, मंदिर की व्यवस्था व संचालन सुचारु तरीके से ट्रस्ट विधि के अनुरूप कर रहा है| जिसमे दिए गए दान को आयकर की धारा 80 G में भी छूट की पात्रता प्राप्त है. श्री सांई बाबा दर्शन के मूल मन्त्र " मानव सेवा ही माधव की सेवा है " को ध्येय प्रारम्भ स्वरूप मानकर ट्रस्ट द्धारा वर्ष 1984 से चिकित्सा सेवाओं को प्रारम्भ किया गया जो विभिन्न स्वरूप में अवरित है| इसके अतिरिक्त ट्रस्ट द्धारा शिक्षा,सहायता,विद्यार्थियों हेतु सुविधाजनक भोजन व्यवस्था का संचालन मंदिर परिसर में किया जा रहा हे|